Ola Electric भारत मे सबसे ज्यादा बिकने वाली ev कंपनीयों मे से एक है। साल 2024 के इस अंतिम पड़ाव मे आते आते Ola ने अबतक कुल 3 लाख से भी ज्यादा यूनिट्स सेल कर दी है। परंतु बढ़ती विक्री के साथ Ola कंपनी की मुश्किलें भी बढ़ती गई है। Ola को लेकर भारत मे अब तक दस हजार से भी अधिक शिकायते नेशनल कंस्यूमर फोरम पर दर्ज की जा चुकी है। इसके साथ Ola कंपनी द्वारा किए जानेवाले भ्रामक विज्ञापनों, अनफेयर ट्रेड प्रैक्टिसेज तथा केंद्र द्वारा निर्धारित उपभोक्ता अधिकारों के उल्लंघन पर ‘केंद्रीय उपभोक्ता संरक्षण प्राधिकरण (CCPA)” ने ओला को कारण बताओ नोटिस (Show case notice) भेजा है। CCPA ने इस ‘कारण बताओ’ नोटिस का जवाब देने के लिए कंपनी को पूरे 15 दिनों तक का समय दिया है।
जानकारों के अनुसार Ola स्कूटर मे मिलनेवाले तकनीकी खराबियो के कारण, इसके कॉमपोनेन्टस की जांच सेंट्रल कंज्यूमर कम्पलेंट्स अथॉरिटी भी कर रही है। बिजनस टूडै की एक रिपोर्ट के अनुसार ओला के सर्विसेज से जुड़ी कस्टमर की असंतुष्टि और बढ़ती शिकायतों के कारण अब CCPA के साथ साथ सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय ने भी कंपनी से जुड़े मामले में हस्तछेप करते हुए कंपनी से रिपोर्ट मांगने का फैसला किया है।
Ola को लेकर ग्राहकों की शिकायत
Ola की गाड़ियों मे बढ़ रही शिकायतों के कारण के कंपनी के मार्केट शेयर दिन प्रतिदिन गिरते जा रहे है। इसेक अलावा Ola का अपने ग्राहकों की दर्ज शिकायतों पर उचित समाधान न करना, कस्टमर को जवाब देने मे देरी करना जैसे कई मुख्य कारण है, जिसके चलते है अब Ola को लेकर अब कस्टमर का गुस्सा साफ नजर आ रहा है।
Ola के खिलाफ दर्ज शिकायतों मे कुछ मुख्य कारण इस प्रकार है,
- सर्विस मे देरी
- स्कूटर की delivery मे देरी
- मैन्यफैक्चरिंग डिफेक्ट
- प्रामिस की गई सेवाएं पूरी न करना
- ओवर चार्जिंग
- खराब क्वॉलिटी के कॉमपोनेन्टस
Ola के vehicles मे उपभोक्ताओं को हो रही परेशानियों का सबब ही है किं अब ओला का मार्केट शेयर घट कर 27% रह ही गया है, जो कि अप्रैल में 50% से भी ज्यादा था। जिसके कारण मार्केट में Bajaj Auto, Ather Energy aur TVS Motors जैसे अन्य इलेक्ट्रिक vehicle के निर्माण मे शामिल महारथियों की हिस्सेदारी बढ़ गई है।
Ola के शेयर मे भारी गिरावट
Ola के IPO की 9 अगस्त मार्केट मे लिस्टिंग की गई थी और तब इसके प्राइस सबसे उच्चतम स्तर पे थे। अगस्त मे 76 रुपये से 157 रुपये का आंकड़ा तय करनेवाली Ola कंपनी के शेयर अब 157 रुपये से गिरकर 90 से 100 रुपये के बीच आ रुका है। सोमवार को Ola के शेयर प्राइस मे 9 प्रतिशत की गिरावट देखने को मिली थी और मंगलवार को यह गिरावट 6 फीसदी के आसपास था। पिछले दो महीने के आँकड़े देखे तो Ola के इन शेयर मे आई गिरावट 50 प्रतिशत से भी ज्यादा की है।
इस महीने ऑक्टोबर मे Ola के शेयर मे सबसे अधिक गिरावट देखने को मिली है जो पिछले महीने से कई ज्यादा है। इसका एक मुख्य कारण कुछ दिन पहले ओला कंपनी के मालिक भाविश अग्रवाल और कॉमेडियन कुणाल कामरा के बीच हुए पोस्ट को लेकर विवादित बहस को भी बताया जा रहा है।
Ola की असफलता के कुछ कारण
Ola electric की स्कूटरों मे जो मुख्य कमिया बताई जा रही है वो technology को लेकर के है। Ola ने अपने स्कूटर्स मे प्राय ऐसे कॉमपोनेन्टस इस्तेमाल किए है जो दोषपूर्ण और Cheap qaulity के पाए गए है। जिसके कारण यह मुख्य वजह बनी है ola के गाड़ियों के समय से पहले ही खराब हो जाने की । Ola का अपने स्कूटर के इन कमियों को समय से पहले ध्यान न देने के कारण आज कई ऐसे ola कस्टमर है जो अपने वाहन को लेकर परेशान चल रहे है और बार बार सर्विस सेंटर के चक्कर लगा कर थक चुके है। सर्विस सेंटर मे भी उनकी गाड़ियों पर जल्द कोई कारवाई या सुनवाई नहीं हो पा रही है। मुंबई, बेंगलूरू जैसे कुछ सर्विस सेंटर का हाल तो ऐसे हो गया है कि जहां ओला के स्कूटर मानो कचरे ढेर की तरह भरे पड़े है। Ola कंपनी के ओर से ऐसे किए जानेवाले झूठे वादे और समय पर उन्हे पूरा न करना एक मुख्य कारण बनी है Ola की असफलता का।
ऑटोमोबाइल इंडस्ट्री से पर नजर रखनेवाले कुछ विशेषज्ञों की माने तो ओला इलेक्ट्रिक के साथ अनेवाली यह चुनौतियां, प्रॉडक्ट डेवलपमेंट के प्रति इसके दृष्टिकोण से पैदा हुई हैं। Ola जो की एक सर्विस इंडस्ट्री है, जो लोगों transportation की सेवाए देती है उसने बिना किसी इक्स्पीरीअन्स के डायरेक्ट प्रोडक्ट इंडस्ट्री मे जम्प कर दिया है। इन विशेषज्ञों के अनुसार ऐप बनाने से मिलने वाले सबक स्कूटर के निर्माण में लागू नहीं किए जा सकते। वाहन निर्माण के लिए एक अलग प्रक्रिया की आवश्यकता होती है। एनलिस्टों की माने तो Ola को अपने स्कूटर सर्वप्रथम बीटा मे लॉन्च काके उसे पहले मार्केट मे आजमा लेना चाहिए था।